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10:05, 6 सितम्बर 2024 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=शारदा शर्मा
|अनुवादक=सुमन पोखरेल
|संग्रह=
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<poem>
तीव्र कुण्ठा की अंधेरी गुफा जैसे जीवन में
समेटकर विशुद्ध उल्लास की प्रकाशमय आश्रय को
प्रेम से घृणा को पोतती हूँ
स्नेह से घात को रोकती हूँ
चिथड़े हुए घायल हृदय से
मैं हर रोज़ तुम्हारे लिए
नवीन खुशी की कविताएँ लिखती हूँ ।
०००
................................
[[पीडाको सौन्दर्य / शारदा शर्मा|यहाँ क्लिक गरेर यस कविताको मूल नेपाली पढ्न सकिनेछ ।]]
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