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पीड़ा की सुंदरता / शारदा शर्मा / सुमन पोखरेल
Kavita Kosh से
तीव्र कुण्ठा की अंधेरी गुफा जैसे जीवन में
समेटकर विशुद्ध उल्लास की प्रकाशमय आश्रय को
प्रेम से घृणा को पोतती हूँ
स्नेह से घात को रोकती हूँ
चिथड़े हुए घायल हृदय से
मैं हर रोज़ तुम्हारे लिए
नवीन खुशी की कविताएँ लिखती हूँ ।
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