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आज माहौल दुनिया का खूँरेज़ है है हलाकू कोई, कोई चंगेज़ है गैर के रंग में, रंग गए हैं रंगे लोग कुछ रूह में बस गया जिनके अँगरेज़ है गौर से देखिये गुलशने गुलशन-ए-हुस्न कीमें"हर कली खूबसूरत ख़ूबसूरत है नौखेज़ नौ-खेज़ है" मुस्कुरा कर सहेली ने उस से कहा उड़ न जाए दुपट्टा हवा तेज़ है उम्र भर जो रहे देखते आइनाआईनाआइने से उन्हें आज परहेज़ है
डर है दुनिया का नक्शा न बदले कहीं
रंगरेज़ी पे आमादा रंगरेज़ है वक़्त है कर ले तौबा ख़ुदा से 'रक़ीब'
साग़रे ज़िंदगी तेरा लबरेज़ है
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