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{{KKPustak
|चित्र=Sach_kahna.jpg
|नाम=सच कहना यूँ अंगारों पर चलना होता है
|रचनाकार=[[डी. एम. मिश्र ]]
|प्रकाशक=श्वेतवर्णा प्रकाशन, नई दिल्ली
|वर्ष=2025
|भाषा=हिंदी
|विषय=ग़ज़ल संग्रह
|शैली=ग़ज़ल
|पृष्ठ=120
|ISBN= 978-93-49136-88-5
|विविध=
}}
====रचनाएँ====
* [[भूमिका / सच कहना यूँ अंगारों पर चलना होता है]]
* [[सोचता हूँ प्यास ये कैसे बुझाऊँ / डी. एम. मिश्र]]
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}}
====रचनाएँ====
* [[भूमिका / सच कहना यूँ अंगारों पर चलना होता है]]
* [[सोचता हूँ प्यास ये कैसे बुझाऊँ / डी. एम. मिश्र]]