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{{KKRachna
|रचनाकार=डी. एम. मिश्र
|संग्रह=सोचता हूँ प्यास ये कैसे बुझाऊँ सच कहना यूँ अंगारों पर चलना होता है / डी. एम. मिश्र
}}
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