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30 मार्च {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पुष्पराज यादव
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<poem>
ऐसा करें की आप हमें भूल जाइये
यूँ बोल-बोल कर न मेरा दिल दुखाइये
इस ना-मुराद शहर-ए-मुहब्बत को किसकी खैर
अब किससे रूठिये यहाँ किसको मनाइये
सखियो पिया मिलन की है ये पहली रैन सो
ढोलक बजाइये कि कोई गीत गाइये
ये नेल-पोलिशें ये लिपस्टिक ये बिंदियाँ
दीवाना मर ना जाये ज़रा कम लगाइये
कैसे तमाम उम्र जुदाई का दुख सहें
कैसे अंधेरी रात का बोझा उठाइये
ऐ पुष्पराज ज़िन्दगी जीना हुआ हराम
उठिये और अपनी मौत का हीला सुझाइये
</poem>