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ऐसा करें कि आप हमें भूल जाइये / पुष्पराज यादव
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ऐसा करें की आप हमें भूल जाइये
यूँ बोल-बोल कर न मेरा दिल दुखाइये
इस ना-मुराद शहर-ए-मुहब्बत को किसकी खैर
अब किससे रूठिये यहाँ किसको मनाइये
सखियो पिया मिलन की है ये पहली रैन सो
ढोलक बजाइये कि कोई गीत गाइये
ये नेल-पोलिशें ये लिपस्टिक ये बिंदियाँ
दीवाना मर ना जाये ज़रा कम लगाइये
कैसे तमाम उम्र जुदाई का दुख सहें
कैसे अंधेरी रात का बोझा उठाइये
ऐ पुष्पराज ज़िन्दगी जीना हुआ हराम
उठिये और अपनी मौत का हीला सुझाइये