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पुष्पराज यादव
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पुष्पराज यादव
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जीवन परिचय | |
पुष्पराज यादव / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- रिक्तियों के बाण मन के पर कतर कर ले गये हैं / पुष्पराज यादव
- बैठ हम नदिया किनारे ध्यान में उलझे रहे / पुष्पराज यादव
- डूबते वक़्त सही यार समझ ले मुझको / पुष्पराज यादव
- ला इस वीरान फ़ज़ा में कुछ पुरनूर नज़ारे बाँट / पुष्पराज यादव
- ये शाम-ए-गम गुज़ार मेरे साथ-साथ चल / पुष्पराज यादव
- सिमट रहा है वफ़ा का आँचल हिसार-ए-वहशत मचल रहा है / पुष्पराज यादव
- करने को बे-वफाई दिखाने को हुस्न है / पुष्पराज यादव
- टूटी हुई कब्रों से सदा आने लगेगी / पुष्पराज यादव
- ये ज़िन्दगी जीने की सजा काट रहे हैं / पुष्पराज यादव
- भुला ही देंगे अगर हम उसूल ग़ज़लों के / पुष्पराज यादव
- रौशनी के नग़मे थे जुगनुओं के होठों पर / पुष्पराज यादव
- मुझे एक किस से नवाज़ कर कोई चाँद तारों में खो गया / पुष्पराज यादव
- जितना मख़ौल आज मेरी ज़िन्दगी को है / पुष्पराज यादव
- ऐसा करें कि आप हमें भूल जाइये / पुष्पराज यादव
- बिछुड़े हुये लोगों को सीने में बसा रखना / पुष्पराज यादव
- जीने के बाद अब तो फ़क़त मर रहा हूँ मैं / पुष्पराज यादव
- शब-ए-फुरकत किसी सूरत ही गुज़ारेगी हमें / पुष्पराज यादव
- ऐसा नहीं हुआ कभी वैसा नहीं हुआ / पुष्पराज यादव
- शहर-ए-वहशत मेरी तन्हाई मुझे वापस कर / पुष्पराज यादव
- फ़िज़ा मलूल है यारो फ़िज़ा में मत निकलो / पुष्पराज यादव
- खुलने लगे हैं दूर उफ़ुक़ पर किवाड़ से / पुष्पराज यादव