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|रचनाकार=ओसिप मंदेलश्ताम
|अनुवादक=अनिल जनविजय
|संग्रह=तेरे क़दमों का संगीत / ओसिप मंदेलश्ताम
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[[Category:रूसी भाषा]]
<poem>ठंड ठण्ड से काँप रहा हूँ मैं गूंगा गूँगा ही बना रहना चाहता हूँ
पर आकाश में नाच रहा है स्वर्ण
मुझे आदेश दे रहा है गाने का
क्लान्त हो
ऎ ऐ बेचैन संगीतकार !
प्रेम कर, स्मरण कर और रो
पकड़ वह हल्की गेंद
फेंकी गई है जो
उस मद्धिम झिलमिलाते ग्रह से
कितना वास्तविक है
सम्बन्ध उस रहस्यमय दुनिया के साथ ?
कितनी तीख़ी उदासी है
कितनी भयानक बेचारगी है नाथ ?
कहीं ऎसा ऐसा तो नहीं
सदा झिलमिलाने वाला
यह सितारा
टिमटिमा रहा है ग़लती से
मुझे तकलीफ़ दे रहा है
खरोंच रहा है जैसे
जंग लगे अपने बकसुए से
शरीर मेरा सारा
(रचनाकाल : 1912)
'''मूल रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
'''लीजिए अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए'''
Осип Мандельштам
Я вздрагиваю от холода…
Я вздрагиваю от холода —
Мне хочется онеметь!
А в небе танцует золото —
Приказывает мне петь.
(रचनाकाल : Томись музыкант встревоженный,Люби, вспоминай и плачь,И, с тусклой планеты брошенный,Подхватывай легкий мяч! Так вот она — настоящаяС таинственным миром связь!Какая тоска щемящая,Какая беда стряслась! Что, если, над модной лавкоюМерцающая всегдаМне в сердце длинной булавкоюОпустится вдруг звезда? 1912)г.</poem>