{{KKGlobal}}
{{KKAnooditRachnaKKRachna
|रचनाकार=ओसिप मंदेलश्ताम
|अनुवादक=अनिल जनविजय
|संग्रह=तेरे क़दमों का संगीत / ओसिप मंदेलश्ताम
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[[Category:रूसी भाषा]]
<poem>
मंगलवार से शनिवार तक
रेगिस्तान था सिर्फ़
कितनी लम्बी
उड़ान थी वह
सात हज़ार मील की
केवल एक उड़ान
अबाबीलों ने
जल के रास्ते
उड़ान भरी मिस्र के लिए
चार दिन तक
लटकी रहीं वे
आकाश में
पर समेट नहीं पाईं
अपने पंखों में जल
(रचनाकाल : 1915)
(रचनाकाल '''मूल रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय''''''लीजिए अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए''' Осип Мандельштам От вторника и до субботы… От вторника и до субботыОдна пустыня пролегла.О, длительные перелеты!Семь тысяч верст — одна стрела. И ласточки, когда летелиВ Египет водяным путем,Четыре дня они висели,Не зачерпнув воды крылом. 1915)г.</poem>