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Kavita Kosh से
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|रचनाकार=ओसिप मंदेलश्ताम
|अनुवादक=अनिल जनविजय
|संग्रह=तेरे क़दमों का संगीत / ओसिप मंदेलश्ताम
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[[Category:रूसी भाषा]]
<poem>
अपने पालक की आदी हो जाती है ततैया
उसकी जात ऐसी ही होती है, भइया
पर तेईस वर्षों से पिछले मैं मलंग
गिन रहा हूँ अपनी इस अख़्मातवा के डंक
'''मूल रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
'''लीजिए अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए'''
Осип Мандельштам
Ахматовой уколы