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{{KKAnooditRachnaKKRachna
|रचनाकार=ओसिप मंदेलश्ताम
|अनुवादक=अनिल जनविजय
|संग्रह=तेरे क़दमों का संगीत / ओसिप मंदेलश्ताम
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[[Category:रूसी भाषा]]
<poem>
बर्फ़ पर दिखाई दी तू मुझे आज
 
उतरा हो जैसे काला फ़रिश्ता कोई
 
तुझ में झलके है आभिजात्य की छाप
 
उपहारित है जो उस ईश्वर से निर्मोही
 
नियति ने जीवन में पहले से ही
 तय कर रखा है तेरा स्थान
है किसी गिरजे की मुख्य-प्रतिमा तू
 
पर तुझे न इसका ज़रा भी भान
 
अनुराग ईश का जो तू लाई धरा पर
 
वह हमारी प्रीति से जुड़ जाए
हहराए रक्त जो हम में तूफ़ानी
मन-मन्दिर पर तेरे वह कभी न छाए
हहराये रक्त जो हम में तूफ़ानीरंग तेरा गदबदा मरमर-साझलके तेरे चीथड़ों पर मायावीदेह-कमल की पँखुरियों पर छलकेपर गाल तेरे कभी हों न गुलाबी
मन-मन्दिर पर तेरे वह कभी न छाए(रचनाकाल : 1914 के शुरू में ?)
'''मूल रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
'''लीजिए अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए'''
Осип Мандельштам
Как черный ангел на снегу...
रंग तेरा गदबदा मरमर-सा‹Анне Ахматовой›
झलके तेरे चीथड़ों पर मायावीКак черный ангел на снегуТы показалась мне сегодня,И утаить я не могу —Есть на тебе печать Господня.
देह-कमल की पंखुरियों पर छलकेТакая странная печать —Как бы дарованная свыше, —Что, кажется, в церковной нишеТебе назначено стоять.
पर गाल तेरे कभी हों न गुलाबीПускай нездешняя любовьС любовью здешней будут слиты,Пускай бушующая кровьНе перейдет в твои ланиты
И нежный мрамор оттенит
Всю призрачность твоих лохмотий,
Всю наготу причастных плоти,
Но не краснеющих ланит.
(रचनाकाल : 1910)‹Начало 1914?›</poem>
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