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13 अगस्त {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दुन्या मिखाईल
|अनुवादक=देवेश पथ सारिया
|संग्रह=
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<poem>
मेरे साथ बचा रह गया
किसी दूसरे समय का एक गीत
अब जहाँ भी मैं जाती हूँ
वह मेरा पीछा करता है
वह मेरे पीछे दौड़कर आता है
मैं काग़ज़ के एक टुकड़े की तरह
गुड़मुड़ कर उसे फेंक देती हूँ
लेकिन जब भी मुझे याद आती है
अपने मृत दोस्तों में से किसी की
मैं खोलती हूँ उस गुड़मुड़ काग़ज़ को
उसकी सलवटों को सहलाती हूँ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेश पथ सारिया
</poem>