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एक समन्दर / चन्द्र त्रिखा

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एक समन्दर
मेरे अंदर

सब कुछ नश्वर
नाच कलंदर

जो जीतेगा
वही सिकंदर

गोरख आया
जाग मच्छन्दर

राम मदीने
अल्लाह मंदर

दिल मेरा है
तेरे अन्दर
</poem>
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