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पिता जी ( शब्दांजलि-१) / नवनीत शर्मा
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11:22, 15 जनवरी 2009
<poem>
घरों में
बलगती
बलग़मी
छाती का होना
दीवारों का चौकस
द्विजेन्द्र द्विज
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