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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार: [[=बशीर बद्र]][[Category:कविताएँ]]}}
[[Category:गज़ल]]
[[Category:बशीर बद्र]]<poem>आस होगी न आसरा होगाआने वाले दिनों में क्या होगा
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~मैं तुझे भूल जाऊँगा इक दिनवक़्त सब कुछ बदल चुका होगा
आस होगी न आसरा होगा <br>नाम हम ने लिखा था आँखों मेंआने वाले दिनों में क्या आंसूओं ने मिटा दिया होगा <br><br>
मैं तुझे भूल जाऊँगा इक दिन<br>आसमाँ भर गया परिंदों सेवक़्त सब कुछ बदल चुका पेड़ कोई हरा गिरा होगा <br><br>
नाम हम ने लिखा कितना दुश्वार था आँखों में<br>सफ़र उस काआंसूओं ने मिटा दिया वो सर-ए-शाम सो गया होगा <br><br>
आसमाँ भर गया परिंदों से<br>पेड़ कोई हरा गिरा होगा <br><br> कितना दुश्वार था सफ़र उस का<br>वो सर-ए-शाम सो गया होगा <br><br><br> दुश्वार = कठिन ; सर-ए-शाम = शाम होते ही<br><br/poem>