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|रचनाकार=येव्गेनी येव्तुशेंको
|संग्रह=धूप खिली थी और रिमझिम वर्षा / येव्गेनी येव्तुशेंको
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[[Category:रूसी भाषा]]
<Poem>
सभी स्त्रियों के मन में
 
हमेशा बनी रहती है आशा
 
विशेष रूप से तब
 
जब पूरे के पूरे
 
माहौल में हो निराशा
 
उस वक़्त यह सम्भव नहीं
 
कि वे ख़ुद को धोखे में न रखें
 
चूँकि आत्मवंचना से ही
 
उन्हें मिलता है सुख
 
और वही है उनका सबसे बड़ा दुख
</poem>