Changes

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नस्ले-आदम में सादगी भर दे
अब तो इन्सां इन्साँ में आजिज़ी भर दे
बिस्तरे -मर्ग पे जो लेटे हैं
उनकी साँसों में ज़िन्दगी भर दे
अब तो सारा चमन शबाब पे है
पत्ते-पत्ते में सरखुशी सरख़ुशी भर दे
तेरे नगमे नग़मे हों क्यूँ उदास ''ज़हीन''
इनकी रग-रग में शाइरी भर दे
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