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17:51, 2 मई 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ऋषभ देव शर्मा
|संग्रह=तरकश / ऋषभ देव शर्मा
}}
<Poem>
हटो, यह रास बंद करो
हास-परिहास बंद करो
यह कलम है, खुरपी नहीं
छीलना घास बंद करो
गूँजती युद्ध की बोली
खेलना ताश बंद करो
भूख का इलाज बताओ
यार! बकवास बंद करो
</Poem>