भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हटो, यह रास बंद करो / ऋषभ देव शर्मा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 
हटो, यह रास बंद करो
हास-परिहास बंद करो

यह कलम है, खुरपी नहीं
छीलना घास बंद करो

गूँजती युद्ध की बोली
खेलना ताश बंद करो

भूख का इलाज बताओ
यार! बकवास बंद करो