Changes

अल्‌अ़तश / अली सरदार जाफ़री

1,221 bytes added, 13:15, 15 सितम्बर 2009
{{KKRachna
|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री
|संग्रह=मेरा सफ़र / अली सरदार जाफ़री
}}
{{KKCatNazm}}
<poem>
 
'''अल्‌अ़तश'''<ref>हाय पानी,हाय प्यास</ref>
अल्‌अ़तश
अल्‌अ़तश
 
ख़ून से सुर्ख़ सूरज हैं नेज़ो पे सर
सुर्ख़ हैं शह्‌रे-मज़लूम के बामो-दर
शब के सीने में ख़ंजर है रंगे-सहर
सारबाँ और कुछ तेज़ बाँगे-जरस
अल्‌अ़तश
अल्‌अ़तश
अल्‌अ़तश
 
हक्क़ो-बातिल<ref>सत्य और मिथ्या</ref> की हर अह्‌द में जंग है
हर ज़माना शहादत से गुलरंग है
हर रजज़<ref>युद्धक्षेत्र में अपने कुल की शूरता और श्रेष्ठता का वर्णन</ref> शो’लः-ए-नूरो-आहंग<ref>प्रकाश और संगीत की अग्निज्वाला</ref>
सारबाँ और कुछ तेज़ बाँगे-जरस
अल्‌अ़तश
अल्‌अ़तश
अल्‌अ़तश
 
{{KKMeaning}}
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits