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सेवक सिपाही सदा उन रजपूतन के / ठाकुर
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03:46, 30 जून 2009
जालिम दमाद हैँ अदेनिया ससुर के ।
चोजन
के
चोजी महा मौजिन के महाराज
हम कविराज हैँ पै चाकर चतुर के ॥
अनिल जनविजय
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