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* [[पानी का एक कारवाँ घर-घर में आ गया / गोविन्द गुलशन]]
* [[होता रहा जब राख मेरा घर मेरे आगे / गोविन्द गुलशन]]
*बात छिड़ गई कहीं कभी जो आबो-ताब की/गोविन्द गुलशन ]]
* [[हमने जाना मगर क़रार के बाद / गोविन्द गुलशन]]