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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=यगाना चंगेज़ी |संग्रह=}}सुलहजूई ने गुनहगार मुझे ठहराया।
जुर्म साबित जो किया चाहो तो मुश्किल हो जाय़।।