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हुस्न के, नाज़ भी उठाता है
इश्क़ को, इहतियाज <ref>Need</ref> फूलों का इहतियाज = Need
नफ़रतों को, मिटा हैं सकते गर
लाई “श्रद्धा” भी मोगरे की लड़ी
लौट आया, रिवाज फूलों का
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