Changes

नया पृष्ठ: सलामत रहे दिल में घर करनेवाले। इस उजडे़ मकाँ में बसर करनेवाले॥ ग...
सलामत रहे दिल में घर करनेवाले।

इस उजडे़ मकाँ में बसर करनेवाले॥


गले पै छुरी क्यों नहीं फेर देते।

असीरों को बेबालो-पर करनेवाले॥


खड़े हैं दुराहे पै दैरो-हरम के।

तेरी जुस्तजू में सफ़र करनेवाले॥


कुजा सहने-आलम, कुजा कुंजे-मरक़द।

बसर कर रहे हैं बसर करनेवाले॥