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{{KKRachna
|रचनाकार=ऋषभ देव शर्मा
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*[[अब न बालों और गालों की कथा लिखिए / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[मैं हिंदू हूँ मैं मुस्लिम हूँ मैं मस्जिद मैं मंदिर हूँ / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[शहर तुम्हारा? हमने देखा शहर तुम्हारा / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[धर्म, भाषा, जाति, दल का, आजकल आतंक है / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[काव्य को अंगार कर दे भारती / ऋषभ देव शर्मा ]] </sort>