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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सत्यपाल सहगल |संग्रह=कई चीज़ें / सत्यपाल सहगल }} <po...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सत्यपाल सहगल
|संग्रह=कई चीज़ें / सत्यपाल सहगल
}}
<poem>एक दिन वे पूछेंगे मेरी गली, मेरे
शहर में रुकंगे मेरे स्वजनों के चिन्ह
खोजेंगे,मेरी डायरी की तलाश करेंगे
ढूँढेंगे मेरे मानचित्र,मेरे घर को
ब्यवस्थित करेंगे लाएँगे मेरी प्रामाणिक
तस्वीर,धूल उतारेंगे मेरे शब्दों पर से.
मेरे प्रांतर का पूरा नाम जान जायेंगे,उन
नदियों तक पहुँचेंगे जिसका पिया मैंने जल,करेंगे
उन पक्षियों की पहचान सुने जिनके गीत
पर क्या वे जायेंगे
क्या वे जाने की इच्छा रखेंगे
उन जगहों तक जहाँ रहते थे लोग
जिनसे किया मैंने प्रेम
क्या वे पूछेंगे कहाँ हैं उनके पौत्र।
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=सत्यपाल सहगल
|संग्रह=कई चीज़ें / सत्यपाल सहगल
}}
<poem>एक दिन वे पूछेंगे मेरी गली, मेरे
शहर में रुकंगे मेरे स्वजनों के चिन्ह
खोजेंगे,मेरी डायरी की तलाश करेंगे
ढूँढेंगे मेरे मानचित्र,मेरे घर को
ब्यवस्थित करेंगे लाएँगे मेरी प्रामाणिक
तस्वीर,धूल उतारेंगे मेरे शब्दों पर से.
मेरे प्रांतर का पूरा नाम जान जायेंगे,उन
नदियों तक पहुँचेंगे जिसका पिया मैंने जल,करेंगे
उन पक्षियों की पहचान सुने जिनके गीत
पर क्या वे जायेंगे
क्या वे जाने की इच्छा रखेंगे
उन जगहों तक जहाँ रहते थे लोग
जिनसे किया मैंने प्रेम
क्या वे पूछेंगे कहाँ हैं उनके पौत्र।
</poem>