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दर्द कम हो रहा है सीने में / परमानन्द शर्मा 'शरर'
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01:26, 8 सितम्बर 2009
दर्दे-इन्साँ है जिनके सीने में
लुत्फ़ यारों के
कुर्ब
क़ुर्ब
में है ‘शरर’
कुछ पिलाने में है न पीने में
</poem>
द्विजेन्द्र द्विज
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