Changes

नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आरज़ू लखनवी }} <poem> आ गई मंज़िले-मुराद, बाँगेदरा को ...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=आरज़ू लखनवी
}}
<poem>
आ गई मंज़िले-मुराद, बाँगेदरा को भूल जा।
ज़ाते-खु़दा में यूँ हो महव, नामे-ख़ुदा को भूल जा॥

सबकी पस्न्द अलग-अलग, सबके जुदा-जुदा मज़ाक़।
जिसपै कि मर मिटा कोई, अब उस अदा को भूल जा॥

</poem>