गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
त्राहि, त्राहि कर उठाता जीवन / हरिवंशराय बच्चन
26 bytes removed
,
13:45, 26 सितम्बर 2009
तन-मन के एकाकीपन में
कवि अपनी विह्वल वाणी से अपना व्याकुल
मन बहलाता
मन बहलाता,
त्राहि, त्राहि कर उठाता जीवन!
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits