Changes

तन-मन के एकाकीपन में
कवि अपनी विह्वल वाणी से अपना व्‍याकुल मन बहलाता मन बहलाता,
त्राहि, त्राहि कर उठाता जीवन!
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits