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Kavita Kosh से
नए स्वर्ग का नया चरण है,
::नया कदम है,
::नया धरम है।है!
अमर शहीदों ने मर-मरकर
सदियों से जो स्वप्न सँवारा,
देश-पिता गाँधी रहते हैं
करते जिसकी ओर इशारा,
नए वर्ष में नए हर्ष से
नई लगन से लगी हुई हो
उसी तरफ़ को आँख हमारी,
उसी तरफ़ को पाँव हमारा।
जो कि हटे तिल भर भी पीछे
देश-भक्ति की उसे कसम है,
::नया कदम है!
नए स्वर्ग का प्रथम का चरण है,
नए स्वर्ग का नया चरण है,
::नया कदम है!
::नया जनम है!
::नया धरम है!
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