Changes

नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजीव रंजन प्रसाद |संग्रह= }} {{KKCatKavita}}<poem>अबकि जब बहु…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राजीव रंजन प्रसाद
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}<poem>अबकि जब बहुत दर्द कलेजे में उठेगा
हम कलेजा चबा जाएंगे अपना
पोर-पोर चीर देती टीसों से तो बेहतर है
बेकलेजा आदमी..

२२.०४.१९९५</poem>
750
edits