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कुछ टुकड़े / केदारनाथ सिंह

No change in size, 20:32, 25 नवम्बर 2009
और बस अभी-अभी जाना
कि मेरे समय के सबसे महान्‍ चित्र
पिकासो ने नहीमनहीं
मेरी गली के एक बूढ़े रंगरेज़ ने
बनाए थे।
</poem>
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