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कुछ टुकड़े / केदारनाथ सिंह

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पर मेरा दुर्भाग्य कि मैंने इतनी देर से
और बस अभी-अभी जाना
कि मेरे समय के सबसे महान्‍ महान‍ चित्र
पिकासो ने नहीं
मेरी गली के एक बूढ़े रंगरेज़ ने
बनाए थे।
</poem>
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