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Kavita Kosh से
|रचनाकार=लुई आरागों
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जोड़े बनते हैं
तुम्हारी राहों में पड़ी
गुज़रो बिना शब्द किए
'''मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी
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