भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

प्रेमहीनता की कविता / आरागों

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

जोड़े बनते हैं
अनायास यूँ ही
है उनके लिए अजीब ही
कि लोग प्यार करते हैं

प्रेमी किसी शाम
भगवान जाने कैसे
पल भर के लिए जैसे
आते हैं बैठने तमाम

क्षणिक समय इतना
दिल हैं धड़कते
मुश्किल से मिलते
और पड़ता बिछुड़ना

विदा कहते
अधबने शब्द से
हों वह जैसे
नींद में उतरते

रातों के बच्चो अरे
हैं क्रूर छायाएँ बड़ी
तुम्हारी राहों में पड़ी
गुज़रो बिना शब्द किए

मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी