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|संग्रह= मधुरिमा / महेन्द्र भटनागर
}}
{{KKCatKavita}}<poem>गोद पाकर, कौन जो सोया नहीं ? <BR>होश किसने प्यार में खोया नहीं ? <BR>आदमी, पर है वही जो दर्द को<BR>प्राण में रख, एक पल रोया नहीं !<br/poem>