भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मनीषा पांडेय|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}<poem>
कहाँ जाती हैं
 
पुरानी यादें
 
प्‍लास्‍टर झड़ी दीवार की तरह
 
रहती हैं हर घड़ी आँखों के सामने
 
छत पर पुराने सीलिंग फैन की तरह
 
लटकी होती हैं
 
और घरघराती हैं पूरी रात
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,345
edits