Changes

नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKFilmSongCategories |वर्ग=अन्य गीत }} {{KKFilmRachna |रचनाकार = मजरूह सुल्तानपुरी , '''…
{{KKGlobal}}
{{KKFilmSongCategories
|वर्ग=अन्य गीत
}}
{{KKFilmRachna
|रचनाकार = मजरूह सुल्तानपुरी
, '''गायक:लता मँगेशकर
}}
<poem>मिला दिल, मिल के टूटा जा रहा है
नसीबा बन के फूटा जा रहा है..

दवा-ए-दर्द-ए-दिल मिलनी थी जिससे
वही अब हम से रूठा जा रहा है

अंधेरा हर तरफ़, तूफ़ान भारी
और उनका हाथ छूटा जा रहा है

दुहाई अहल-ए-मंज़िल की, दुहाई
मुसाफ़िर कोई लुटा जा रहा है

</poem>
Delete, Mover, Uploader
894
edits