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[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>तू दोस्त किसी का भी सितमगर न हुआ था
औरों पे है वो ज़ुल्म कि मुझ पर न हुआ था
तू दोस्त किसी छोड़ा मह-ए-नख़शब<ref>नकली चाँद</ref> की तरह दस्त-ए-क़ज़ा<ref>मौत का भी सितमगर न हुआ थाहाथ<br/ref>नेऔरों पे है वो ज़ुल्म कि मुझ पर न हुआ थाख़ुर्शीद<brref>सूरज<br/ref>हनोज़ उस के बराबर न हुआ था
छोड़ा महतौफ़ीक़<ref>शक्ति</ref> बअन्दाज़ा-ए-नख़्शब की तरह दस्त-ए-क़ज़ा नेहिम्मत<brref>साहस के मुताबिक</ref> है अज़ल सेख़ुर्शीद हनोज़ उस के बराबर आँखों में है वो क़तरा कि गौहर न हुआ था<br><br>
तौफ़ीक़ ब अन्दाज़जब तक की न देखा था क़द-ए-हिम्मत है अज़ल से<br>यार का आलमआँखों में है वो क़तरा कि गौहर न हुआ थामैं मोअ़तक़िद-ए-फ़ित्ना-ए-महशर<brref>कयामत को उपदर्वी मानने वाला<br/ref>न हुआ था
जब तक की न देखा था क़दमैं सादा-दिल, आज़ुर्दगी-ए-यार का आलम<brref>यार की उदासी</ref> से ख़ुश हूँमैं मोतक़िदयानी सबक़-ए-फ़ितना-ए-महशर न हुआ थाशौक़<brref>प्रेम का पाठ<br/ref>मुकर्रर न हुआ था
मैं सादा दिल आज़ुर्दगिदरिया-ए-यार से ख़ुश हूँमआ़सी<brref>पाप का दरिया</ref> तंग-आबी<ref>पानी की कमी</ref> से हुआ ख़ुश्कयानी सबक़मेरा सर-ए-शौक़ मुकर्रर न हुआ थादामन<brref>दामन का सिरा<br/ref>भी अभी तर न हुआ था
दरिया-ए-मआसी तुनुक अभी से हुआ ख़ुश्क<br>मेरा सर-ए-दामन भी अभी तर न हुआ था<br><br> जारी थी असद दाग़-ए-जिगर से मेरे तहसील<brref>प्राप्ति</ref>आतशक़दा आतिशकदा जागीर-ए-समन्दर न हुआ था<br><br/poem>{{KKMeaning}}