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महरम नहीं है तू ही नवाहाए-राज़ का / ग़ालिब
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16:18, 7 मार्च 2010
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>महरम<ref>जानने वाला</ref> नहीं है तू ही
नवाहाए
नवाहा-ए
-राज़<ref>भेद-भरी आवाज़ें</ref> का
यां वरना जो हिजाब<ref>पर्दा</ref> है -- परदा है साज़ का
Shrddha
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