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17:49, 11 अप्रैल 2010
koi pahad कोई पहाड़ sangeen ki nok se bada nahi hai संगीन की नोक से बड़ा नहीं है .bhi aur koi aankh और कोई आँख chhoti nahi hai samudra se छोटी नहीं है समुद्र सेyah kewal hamari pratikshaon ka antar hai यह केवल हमारी प्रतीक्षाओं का अंतर है -jo kabhi जो कभी hame lohe ya kabhi lahron se jodta hai हमें लोहे या कभी लहरों से जोड़ता है .