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एक था राजा, एक थी रानी / अवतार एनगिल
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04:43, 20 अप्रैल 2010
किराए के दड़बानुमा महल में
टूटी कुर्सी के सिंहासन पर बैठ
जब कभीराजा
पगड़ी बांधते थे
उनकी
पगड़ी का कलफ हलका पड़ने लगता
फिर खुले जीवन के भेद
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