1,552 bytes added,
06:53, 26 अप्रैल 2010 यह दाडिम के फूल का रंग है<br />
<br />
दाडिम के फल-सा पककर<br />
फूट रहा है जिसका मन<br />
यह उस स्ञी के प्रसन्न मन का रंग है<br />
यह रंग पान से रचे दोस्त के होंठों की<br />
मुस्कुराहट का है<br />
यह रंग है खूब रोयी बहन की ऑंखों का<br />
<br />
यह रंग राजा टिड्डे का है<br />
जिसकी पूंछ में बंधे हैं<br />
बच्चों के धागे और संदेश<br />
यह रंग रानी तितली का है<br />
जिसे एक बच्ची लिये जा रही है घर<br />
<br />
यह रंग उस आम का है<br />
जो टेसुओं के नाम से जानी जाती है<br />
और जिसके सुलगते ही वसन्त आज जाता है<br />
<br />
दरअसल यह उस आकाश गंगा का रंग है<br />
जिसे धारण करती है मॉं अपनी मॉंग में<br />
जिसके डर से हजारों कोस<br />
दूर खड़ा रहता है काल<br />
और मॉं रहती है सदा सुहागिन.<br />
<br />