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जब छेड़ा मुजरिम का क़िस्सा / गौतम राजरिशी
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07:22, 28 सितम्बर 2010
कहती हैं बारिश की बूंदें
सुन लो तुम रिमझिम का किस्सा
''{त्रैमासिक युगीन-काव्या, जुलाई-सितम्बर 2009}''
</poem>
Gautam rajrishi
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