गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
अहल-ए-दवल में धूम थी रोज़-ए-सईद की / जोश मलीहाबादी
3 bytes added
,
17:49, 11 नवम्बर 2010
{{KKRachna
|रचनाकार=जोश मलीहाबादी
}}
<poem>
[[Category:ग़ज़ल]]
}}<poem>
अहल-ए-दवल में धूम थी रोज़-ए-सईद की
मुफ़्लिस के दिल में थी न किरन भी उम्मीद की
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,279
edits