विश्व पटल पर देशवासियों अपनी आन बचाये रखना / रंजना वर्मा
विश्व पटल पर देशवासियों अपनी आन बनाये रखना।
जो न कभी धूमिल हो मन से ऐसी शान बनाये रखना।।
झुक जाये जो अरि के आगे उसे कौन इंसान कहेगा
मस्तक ऊँचा रहे हमेशा निज अभिमान बनाये रखना।।
हमको है प्यारा समाज यह हमको अपनी संस्कृति प्यारी
देह नहीं अक्षय लेकिन अक्षय मन प्रान बनाये रखना।।
डिग न सकेगी कभी आस्था कभी न टूटे बना मनोबल
पशुवत जीवन जीता जग खुद को इंसान बनाये रखना।।
झंडा झुके न देश न हारे कभी किसी दुश्मन के आगे
जीत न पाये कोई हम से इतना मान बनाये रखना।।
ठहरे जल की तो सड़ जाना ही अंतिम परिणति है होती
हो गतिशील सदा मन मे ऐसा तूफ़ान बनाये रखना।।
करते रहना तुम पहचान सदा सज्जन से सुविचारों से
दोष पाप से किन्तु स्वयं को तुम अनजान बनाये रखना।।