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वो तो क्या-क्या सितम नहीं करते / गोविन्द गुलशन

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वो तो क्या-क्या सितम नहीं करते
हम ही आँखों को नम नहीं करते

आँधियों से हो दुश्मनी तो फिर
लौ चराग़ों की कम नहीं करते

आप की बात देख ली हमने
आप से बात हम नहीं करते

आँसुओं से है दोस्ती लेकिन
दर्द दिल पर रक़म नहीं करते

ऐ मेरे हाथ काटने वालो
सर मेरा क्यूँ क़लम नहीं करते

तोड़ देता है जब कोई दिल को
ग़म तो होता है, ग़म नहीं करते

मेरी क़िस्मत सँवर भी सकती है
आप चश्मे - करम नहीं करते