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शिव के वंचित करी दक्ष यज्ञ जब करला / भवप्रीतानन्द ओझा
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धनुष वर्णन
घैरा
शिव के वंचित करी दक्ष यज्ञ जब करला
सती करली देहा संहार रे
सती के शोके शिवजी बावर होएला हो राम
शान्त शिव धरे रुद्र आकार रे
सती के शोके...।